Friday, February 20, 2015

घुटने का दर्द - कारण एवं निवारण

 घुटने का दर्द - कारण एवं निवारण




घुटने का दर्द पुरुष या स्त्री को अलग-अलग उम्र में कई कारणों से होता है। इसकी खास वजह खान-पान में कमी तथा व्यायाम की अनियमितता है। आज के मशीनी युग में जब नये-नये आने-जाने के साधन, मोटर गाड़ियां, हवाई जहाज आदि ने जीवन की रतार बढ़ा दी है, वहीं बढ़ती उम्र के लोगों के चलने की रतार कम होती जा रही है। कारण है देश में वयस्कों एवं प्रौढ़ों की बढ़ती जनसंख्या और उनमें चलने से मोहताज लोग। घुटने के दर्द से है जिससे शहरों में बहुत लोग पीड़ित हैं। 


घुटने में दर्द अलग-अलग उम्र तथा अलग-अलग व्यवसायों में कार्यरत व्यक्तियों को भिन्न-भिन्न कारणों से होता है, जैसे बच्चों एवं खिलाड़ियों में यह दर्द घुटने के इर्दर्-गिर्द मांसपेशियो में अत्यधिक खिंचवा या चोट लगने, मोच से होता ही रहता है। कम समय में घुटने का अत्यधिक इस्तेमाल घुटने के दर्द का मुख्य कारण है, खासकर जब रोजाना व्यायाम का कोई नियम न हो। सांस फुलाने वाले व्यायाम (एरोबिक्स) करना, सख्त फर्श धरती सड़क पर व्यायाम करना, ऊबड़-खाब़ड़ जमीन पर दौड़ना, सीढ़ियों पर ऊपर-नीचे भागना इस दर्द के जवानो एवं खिलाड़ियों में होने के मुख्य कारण हैं। 


जब सीढ़ियों पर चढ़ते हैं तो घुटने पड़ता है और अगर सीढ़ी पर दौड़ते जाएं तो घुटने पर शरीर भार का आठ गुना दबाव पड़ता है। इन सभी से मांसपेशी ख्ंिाच जाना, टेनडेनाइटिस और बरसाईटिस नामक व्याधियां हो जाती हैं। गठिया   वयस्कों एवं बूढ़ों में घुटने के दर्द का सबसे महत्वपूर्ण कारण है। इस रोग में घुटने की कार्टिलेज का क्षय हो जाता है। कभी कभी तो कार्टिलेज घिस-घिस कर लगभग खत्म हो जाती है और फीमर  हड्डी टिबिया   हड्डी से टकराती रहती है। लिगामेंट (अस्थि तंतुओं) की चोटः खिलाड़ियों के लिगामेन्ट के क्षतिग्रस्त होने पर घुटने का दर्द अक्सर हो जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस रोग में घुटने के अतिरिक्त अन्य जोड़ों में भी दर्द-सूजन होती रहती है। इससे परिवार के अन्य लोग भी पीड़ित हो सकते हैं। 

इस रोग में सुबह -सुबह जोड़ों में सूजन और दर्द रहता है। मधुमेह रोगी ज्यादातर घुटने के दर्द से भी पीड़ित रहते हैं। बरसाइटिस   रोग उन लोगों में अधिक रहता है जो घुटने के बल बैठकर काम करते हैं जैसे घरों में पोछा लगाने वाले लोग, माली या गलीचा बिछाने वाले मजदूर इत्यादि। गाउटरू यह रोग यूरिक एसिड के क्रिस्टल (खे) जोड़ों में आ जाने से होता है। रक्त में यूरिक एसिड जांच द्वारा इस रोग का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इस रोग का पता लगने पर इसकी दवा जीवनपर्यन्त खाएं अन्यथा इस रोग में उत्पन्न यूरिक एसिड के क्रिस्टल गुर्दे को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। घुटनों का एक्सरेरू इससे जोड़ों की हड्डियों के बीच की दूरी और अन्य बातों का पता लगाया जाता है। 

कभी-कभी दूरबीन द्वारा जोड़ के अंदर देखकर भी बीमारी का निदान किया जाता है जिसे आर्थोस्कोपी कहते हैं । रोगी को घुटने को ऊंचा करके रखना चार पांच दिनों के पश्चात चोट के स्थान की गर्म सिंकाई शुरु कर सकते हैं। इससे सूजन तथा दर्द को जल्दी ठीक करने में सहायता प्राप्त होती है। इसी प्रकार जिन्हें जोड़ों से अधिक काम लेना होता है वे प्रतिदिन सुबह गर्म सिंकाई करें तो उनकी मांसपेशियां खुल जाएंगी और जोड़ों की कार्यक्षमता बढ़ जाएगी। शाम को पूरे दिन की भागदौड़ एवं थकान के पश्चात जोड़ों में हल्की चोटांे के कारण जो सूजन आने का खतरा बढ़ जाता है उसे ठंडा सेंक खत्म कर देगा। केवल दो व्यायाम, पहला कमर के बल लेटकर घुटने मोड़े बिना पैरों को उठाना और दूसरा लेटे-लेटे ही पैरों को सीधा करना, इनके द्वारा घुटने के दर्द को कम किया जा सकता है। 


कई घुटने के रोग मांसपेशियों में खिंचाव या टाईट रहने से ही उत्पन्न होते हैं। इसीलिए स्ट्रेचिंग व्यायाम करते रहें। व्यायाम नियमित एवं सोच समझकर करें। तैरना या पानी में व्यायाम करना अति लाभदायक रहता है। हो सके तो बास्केटबाल, वालीबाल और दौड़ने जैसे खेल कम खेलें या फिर सप्ताह में दो दिन से ज्यादा किसी कीमत पर न खेलें। क्वाड्रीेसेप्स मांसपेशी की ताकत बढ़ाने वाली कसरत कभी न भूलें। घुटने को नी पैड द्वारा बचा कर रखना लाभकारी है, खासकर घरों में पोछा लगाने वाली औरत और कालीन बिछाने वाले मजदूरों के लिए।


घुटने पर जहां दर्द, सूजन और पथराया-सा लगे उस जगह सौंठ भुने गर्म तेल की मालिश करना चाहिए। इसके बाद£ उस जगह पर कपड़ा बांध दें तथा शीत व हवा से बचाएं। खटाई व शीतल पदार्थ से परहेज भी आवश्यक है। इससे पीडि़त को बहुत राहत मिलती है। सौंठ का चूर्ण या अदरक का रस, काली मिर्च, बायबिडंग तथा सेंधा नमक का चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण की 3-3 ग्राम मात्रा शहद में मिलाकर चाटने से घुटने के दर्द से छुटकारा मिलता है। घुटने व कमर दर्द में नीम की छाल को पीसकर, पेस्ट बनाकर लेप करें। इससे दर्द ठीक हो जाता है। घुटने के दर्द में लौकी के टुकड़े को गर्म कर दर्द वाले स्थान पर बांधने व लेप करने से शीघ्र आराम मिलता है। घुटनों के दर्द व गठिया दूर करने के लिए स्टाबेरी बहुत ही फायदेमंद है। इससे दर्द में तत्काल राहत महसूस होती है। प्रातः खाली पेट 3-4 अखरोट की गिरियाँ खाने अथवा सोंठ के काढ़े में एरण्ड का तेल 1-2 चम्मच मिलाकर पीने से घुटनों, कमर व पीठ के दर्द से जल्द राहत मिलती है। मेथी का एक चम्मच चूर्ण जल के साथ सुबह सेवन करने से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है। कभी-कभी नारियल की गिरी खाने से भी घुटनों के दर्द से छुटकारा मिल जाता है।


घुटनों का दर्द दूर करने के लिए भोजन में खीरा अधिक खायें और एक पोथिया लहसुन नियमित खाएं इससे भी लाभ होता है। गाजर व खीरे का मिक्स जूस 250 ग्राम नित्य प्रति पीने से घुटनों के दर्द से पीडि़त व्यक्तियों को लाभ होता है यदि उसमें चुकन्दर व अजवाइन के पत्तों का रस तथा एक नींबू के रस को निचोकर मिलाकर पीया जाये तो उससे विशेष लाभ होता है। भोजन में अंकुरित अनाज एवं दालें, अंकुरित मेथी, कम से कम तीन प्रकार के फल, दो प्रकार की मेवा (सूखे फल), तीन प्रकार की हरी सब्जियां, सलाद (प्रतिदिन कम से कम 600 ग्राम) और 10 से 12 गिलास शीतल जल लें। धूम्रपान, मदिरा, मांस-मछली, अंडा कभी न खाएं। तले हुए मैदायुक्त भोजन से परहेज करें। 



सप्ताह में एक से दो दिन उपवास अवश्य रखें। भोजन में बकरी का दूध, मौसम के अनुसार फल, हरी सब्जी में लौकी, तौरई, टिंडा तथा रामदाना चैलाई का साग, सूखे मेवों में अखरोट की गिरी प्रतिदिन 30 ग्राम तक तथा 10 ग्राम तक अलसी के बीज खाएं। जौ गेहूं के जवारे चबा कर खाएं। 

अगर दांत ठीक न हों तो इनका रस निकालकर पिएं। सावधानी बरतें  आलू, टमाटर, बैंगन, हरी मिर्च, लाल मिर्च, शिमला मिर्च रसभरी कभी न खाएं। अगर मुमकिन हो सके तो अन्न का सेवन न करें। अगर करें भी तो अंकुरित अनाज का सेवन करें वह भी कम मात्रा में।



2 comments:

  1. bahut acchi jankaari aapne uplabdh karai.. Dhanyabaad

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  2. bahut acchi jankaari aapne uplabdh karai.. Dhanyabaad

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