Wednesday, May 6, 2015

रसभरी Ground Cherry


रसभरी



रसभरी खटटे-मीठे गोल फल हैं जिसके ऊपर एक पतला सा आवरण होता है जिसका आकार घंटी जैसा होता है, रसभरी के फल खाने में स्वादिष्ट लगते हैं रसभरी एक छोटे से पौधे में उगता है जिसे उसके दूसरे नाम चिरपोटी से भी जाना जाता है इस पौधे की विषेषता यह है कि ये हर जगह अपने आप ही ऊग आता है रसभरी औषधीय गुणों से भरपूर होती है


रसभरी में एंटीआॅक्सीडंेट मौजूद होता है काली रसभरी खाने ेस आंतों के कैंसर से बचाव में मदद मिलती है मनुष्य के .जन घटाने के लिए रसभरी का सेवन बहुत कारगर सिद्ध हुआ है रसभरी  शरीर  में वसा को कम करने वाले हार्मोन को सक्रिय कर कैलोरी को कम करती है रसभरी दिल की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है रसभरी के पांचों अंग-फल, फूल,पत्ती,तना एवं मूल) सभी में औषधीय गुण मौजूद हैं रसभरी उदर रोगों (यकृत) के लिए लाभकारी है


इस पौधे की पत्तियों का काढ़ा पीने से पाचन अच्छा होता है एवं भूख भी बढ़ती है रसभरी लीवर को उत्तेजित कर पित्त निकालता है इसकी पत्तियों का काढ़उ षरीर के भीतर की सूजन को दूर करता है खंासी, हिचकी,ष्वांस के रोगों में इसके फल का चूर्ण बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है  




  






रसभरी का अर्क पेट के लिए लाभकारी है चमड़ी के सफेद दाग पर पत्तियों का लेप लाभकारी परिणाम देता है रसभरी में सेपोनिन रसायन अधिक होने से इसका उपयोग कब्ज दूर करने और फोड़े फुन्सियों को ठीक करने के लिए होता है इसे रक्तषोधक के काम में भी उपयोग में लिया जाता है


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